Maldives Country In Big Crisis : दोस्तों, मोहम्मद मुइज्जू के मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और मालदीव के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए थे, मालदीव की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है, भारतीय पर्यटक वहां बहुत बड़ी तादाद में जाते थे ,क्यूंकि मालदीव भारतीय पर्यटको के लिए सबसे फेवरीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन था, लेकिन मालदीव से संबंध बिगड़ने के बाद इसमें काफी कमी दर्ज की गई है, जिसके बाद से मालदीव गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है, देश के मोनीटरी प्राधिकरण ने कुछ दिन पहले चेतावनी दी थी कि मुइज्जू सरकार का आधिकारिक डॉलर रिजर्व, देश के इतिहास में पहली बार माइनस में चला गया है,
मालदीव देश के मोनीटरी प्राधिकरण के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि मालदीव का आधिकारिक डॉलर रिजर्व देश के इतिहास में पहली बार माइनस में चला गया है, इसका मतलब ये हुआ की देश के ऊपर खर्च करने तक के पैसे नहीं बचे हैं, इससे मुइज्जू सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए पूर्व वित्त मंत्री इब्राहिम अमीर का कहना है कि फिच और मूडीज जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां जल्द ही मालदीव की क्रेडिट रैंकिग को डाउनग्रेड कर सकती हैं, और अगर ऐसा होता हैं तो मालदीव गंभीर आर्थिक संकट में पड सकता हैं, और मालदीव देश दिवालिया तक घोषित हो सकता है, मूडीज ने आरोप लगाया कि मालदीव सरकार कूटनीतिक प्रतिक्रियाओ को समझ नहीं पा रही है,
मालदीव के पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मुइज्जू सरकार पैसे जुटाने के लिए दूसरे देशों जैसे चीन और अरब देशों के सामने हाथ फैला रही है, जबकि हमारा सबसे करीबी दोस्त भारत के साथ अपने सम्बन्ध खराब कर रही है, जिसका खामियाजा मालदीव की जनता को उठाना पड रहा है,दोस्तों जैसा कि आपको पता होगा कि चीन जिस देश को क़र्ज़ देता हैं तो उसके बदले उस देश से सब कुछ निचोड़ लेता है, और वहां के सभी संसाधन पर अपना हक जमा लेता है, इसीलिए मालदीव की विपक्षी पार्टी मोइज्जू सरकार का विरोध कर रही है,
मालदीव की मोनेटारी प्राधिकरण ने इसी सप्ताह की शुरुआत में देश के वित्त मंत्रालय को चेता भेजा था, कि कुछ ही दिनों बाद देश का सारा विदेशी भंडार समाप्त हो जाएगा, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुइज्जू सरकार पर 21 अगस्त तक 25 मिलियन डॉलर का तेल बिल बकाया था, और बिल भुगतान करने के बाद रिजर्व धन माइनस में चला गया है,
मालदीव की हालत खराब होने के बाद से मोइज्जू ने भारत के सामने हाथ फैलाना चालू कर दिया है, और प्रधानमंत्री मोदी से मदद के लिए गिडगिडाने लगा था, जिसके बाद भारत सरकार ने मालदीव के बाइस द्वीपो के रखरखाव अपने जिम्मे ले लिया था,
जैसा की आपको पता होगा कि भारत और मालदीव के कूटनीतिक रिश्तों में पिछले साल नवंबर में आई खटास के बाद मालदीव के पर्यटन उद्योग पर इसका बड़ा असर हुआ है, जिसके बाद मोइज्जू सरकार ने भारत के सामने घुटने टेक दिए, और भारत से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले दिनों अपने पर्यटन मंत्री इब्राहिम फैसल को भारत भेज कर माफ़ी मांगी और भारत से अपने पर्यटको को वापस मालदीव जाने के लिए गुहार लगाई, जिसके बाद भारत ने मालदीव की मदद का भरोसा दिया ताकि मालदीव फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो सके,
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दरअसल, भारत से मालदीव जाने वाले पर्यटकों की संख्या में नवंबर दो हजार तेइस से अब तक करीब तिरपन फ़ीसदी की गिरावट आई है, जिसके कारण मालदीव की अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर हुआ है और वहां की इकोनॉमी खस्ताहाल हो गई है,
इसीलिए जिस देश ने भी भारत से टकराने की कोशिश की है, उसे बर्बाद होने में ज्यादा समय नहीं लगा है, हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान हमेशा भारत का विरोधी रहा है लेकिन आप देख सकते हैं कि पाकिस्तान की आज क्या हालत है,
कोई भी देश पाकिस्तान में निवेश करने तक को तैयार नहीं है, नहीं कोई देश पाकिस्तान में जाकर खेलने को तैयार है जबकि भारत में सभी देशो के खिलाड़ी जाकर खेलते हैं और पैसे भी कमाते हैं, तो दोस्तों आपका इस मामले पर क्या विचार है अपनी राय कमेंट में जरूर बताइएगा