Narendre Modi Ukraine Visit , नरेन्द्र मोदी ने रूस के साथ रिश्तो की परवाह किये बिना उक्रैन की यात्रा की

Narendre Modi Ukraine Visit : हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन की यात्रा पर गए हैं, जिसके साथ रूस की जंग जारी है, और यूक्रेन की सेनाएं भारत के दशकों पुराने मित्र रूस की सीमाओं में घुसी हुईं हैं, ऐसे समय में भारतीय पीएम का यूक्रेन दौरा जाहिर है कि रूस को पसंद नहीं आएगा, और इसके बारे में अमेरिका, और यूरोपीय यूनियन ने भी अपनी राय ज़ाहिर की है, अब भारत के सामने ऐसी स्थिति है की वो रूस को नाराज़ भी नहीं कर सकता और खुले तौर पर यूक्रेन की मदद भी नहीं कर सकता, आखिर क्या है पूरा मामला, आइये इसे विस्तार से जानते हैं,

दोस्तों नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जो यूक्रेन जा रहे हैं, और सबसे बड़ी बात यह है कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले ढाई सालों से युद्ध चल रहा है, देश विदेश की मीडिया में इस बात को लेकर हलचल तेज़ है कि आखिर ऐसे समय में जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध और बढ़ गया है, नरेंद्र मोदी यूक्रेन दौरा करके भारत के खास दोस्त रूस को क्यों नाराज करना चाहते हैं,
यूक्रेन देश के आज़ाद होने के बाद कोई भारतीय पीएम वहां नहीं गया है,
ऐसे में इस समय पीएम मोदी के यूक्रेन जाने की कोई ठोस वजह अभी तक सामने नहीं आई है, और ख़ासकर तब जब युद्ध के कारण तनाव बढ़ा हुआ है, अब विशेषज्ञ यह सवाल उठा रहे हैं कि इस समय भारत के प्रधानमंत्री का यूक्रेन दौरे का मकसद क्या है और ऐसे वक्त में उन्हें रूस के साथ किसी भी तरह की दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए, क्योंकि रूस साफ तौर पर यह ऐलान कर चुका है कि जो भी देश यूक्रेन की मदद करेगा उसे रूस का दुश्मन माना जाएगा,
आपको बता दें कि भारत रूस से बहुत सी रक्षा सामग्री खरीदता रहा है, और यूक्रेन देश के रूस से अलग होने के बाद उनमें से बहुत सी कंपनियों का नियंत्रण यूक्रेन के पास हो गया, वर्तमान में भारत के पास बहुत से रक्षा उपकरण ऐसे हैं जो यूक्रेन में बनाए गए हैं, जिसमें भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए गैस टरबाइन इंजन और भारतीय वायुसेना द्वारा संचालित AN -32 विमान शामिल हैं,
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यूक्रेन यात्रा का विश्व के कई नेताओं ने स्वागत किया है, अमेरिका ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा का स्वागत किया है और नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह रूस को युद्ध विराम के लिए मनाए, वहीँ उन्हें भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर ने भी मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यूक्रेन की आगामी यात्रा एक अच्छा संकेत है और इसकी सराहना की जानी चाहिए,
शशि थरूर ने कहा कि जब युद्ध शुरू हुआ तो कई पश्चिमी देश भारत के रुख की बहुत आलोचना करते थे, क्योंकि तब भारत ने संप्रभु सीमा के उल्लंघन और संयुक्त राष्ट्र चार्टर की अवहेलना की निंदा करने से मना कर दिया था, लेकिन अब भारत ने यूक्रेन के साथ भी मदद का रुख अपनाया, तो उन देशों को अब अपना रुख बदलना पडा है,
लेकिन एक बात जो भारत को बहुत ज्यादा खटक रही है वह है रूस की चीन और पाकिस्तान के साथ नजदीकी, अभी कुछ दिनों पहले ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के दौरे पर गए थे, जिस का चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बहुत ही गर्मजोशी से स्वागत किया था, और इस यात्रा को दोनों देशों ने बहुत सफल बताया था, इसके अलावा अब रूस पाकिस्तान के साथ भी अपने सम्बन्ध बेहतर कर रहा है, और कई रक्षा उपकरण पाकिस्तान को देने वाला है, जोकि निश्चित तौर पर यह हथियार भारत के खिलाफ ही इस्तेमाल किए जाएंगे,
अब रूस अगर भारत के सबसे बड़े दुश्मन के साथ दोस्ती बढ़ा रहा है तो भारत को भी रूस को भी यह जताना जरूरी है कि वह पिछलग्गू बनकर नहीं रह सकता,मोदी का यूक्रेन दौरा इसी का एक प्रमाण है, कि अगर आप भारत के दुश्मन के साथ अपने सम्बन्ध बेहतर करोगे, तो भारत भी tit for tat वाला तरीका अपनायेगा,
नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा के दौरान कई तरह के राजनीतिक और व्यावसायिक संबंधों पर भी बात होने की आशंका है, इसके अलावा भारत यूक्रेन के प्रति अपनी समर्थन भी जारी रखने का इच्छुक है, इस यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी यूक्रेन में पढ़ने वाले कई भारतीय छात्रों से भी मिलेंगे,जो कि अभी तक रूस की डर की वजह से बाहर निकल नहीं पा रहे हैं,
तो दोस्तों आपको क्या लगता हैं, भारत यूक्रेन को समर्थन देकर अच्छा कर रहा हैं या बुरा, अपनी राय कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताना,

Leave a Comment